मनुष्य ज्ञान दान से अर्थात शास्त्रों के दान से या विद्या के दान से ज्ञानवान होता है। अभय दान देने से निर्भय हो जाता
है। आहार दान देने से हमेशा सुखी रहता है और औषधि दान के देने से हमेशा निरोग रहता है।
गणिनी ज्ञानमती माताजी
जम्बूद्वीप- हस्तिनापुर
Thursday, December 10, 2009
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सुन्दर विचार।
ReplyDeleteसत्य विचार ।
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
Waah..kitna sahi kaha!
ReplyDeleteSasneh swagat hai!
http://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
bilkul saty wachan!
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